सरकारी नौकरी किसे पसंद नहीं है, लेकिन हम आपको आज ऐसे कुछ IAS अधिकारियों से मिलवाने जा रहे हैं, जिन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर अपने सपनों को पूरा किया। कारोबार का अनुभव नहीं होने के बाद भी वो आज सफल कारोबारी हैं।
नई दिल्ली: सरकारी नौकरी किसे पसंद नहीं है। फिक्स ऑफिस टाइमिंग, अच्छी सैलरी, रिटायरमेंट के बाद पेंशन और सबसे बड़ी बात नौकरी की सिक्योरिटी।यही वजह है कि लोग सरकारी नौकरी के लिए तरसते हैं। अगर नौकरी IAS अधिकारी की हो तो क्या कहने। देश क सबसे कठिन परिक्षाओं में से एक UPSC की परीक्षा पास कर लोग IAS अफसर बनते हैं। कोई कलेक्टर बनता है तो कोई कमिश्नर । सैलरी के साथ घऱ-गाड़ी समेत तमाम सुविधाएं मिलती है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपने सपने को पूरा करने के लिए इस सरकारी नौकरी को छोड़ने में भी परहेज नहीं करते हैं। हम आपको आज ऐसे ही कुछ आईएएस अधिकारियों से मिलवा रहे हैं, जिन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर अपना कारोबार शुरू करने का फैसला किया। शुरुआती चुनौतियों के बाद आज वो सफल बिजनेसमैन है। करोड़ों की कंपनी चलाते हैं।
पहले डॉक्टर, फिर IAS और फिर बिजनेसमैन
IAS की नौकरी छोड़कर बेच रहे सब्जी
सरकारी नौकरी छोड़कर बेच रहे दवाई
IIT, UPSC करने के बाद पढ़ा रहे हैं ट्यूशन
22 साल की नौकरी के बाद शुरू किया कारोबार
मामूली फीस में स्पेस स्डटी
संजय गुप्ता
6 साल नौकरी कर दिया इस्तीफा
केरल के रहने वाले बालगोपाल चंद्रशेखर साल 1976 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं। ट्रेनिंग के पास उन्हें मणिपुर कैडर मिला। उन्होंने मात्र 6 साल नौकरी करने के बाद साल 1983 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया और अपने भाई के साथ मिलकर बायोमेडिकल उपकरण बनाने वाली कंपनी शुरू की। कुछ ही सालों में उनकी कंपनी पेनपोल (Terumo Penpol) ने अच्छी मुनाफा कमाना शुरू कर दिया।

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